‘धर्मार्थ काममोक्षणामारोण्यं मूलमुन्तमम्’ इस शास्त्रोक्त कथन के अनुसार धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष हेतु आरोग्य सम्पन्न शरीर की आवश्यकता होती है। पंचगव्य एक ऐसा...
आर्यावर्त (भारतवर्ष) उत्सव प्रधान देश है। प्रत्येक वर्ष में छ: ऋतुओं में ऋतु परिवर्तन के अवसर पर विभिन्न उत्सव जैसे वसंतोत्सव, शरदोत्सव, ग्रीष्मोत्सव आदि...
‘प्रत्यक्षं देवता सूर्यो जगच्चक्षुः दिवाकरः।’
सूर्य-ब्रह्माण्ड गोलक का अधिपति है। पृथ्वी का सौरमण्डल सूर्य द्वारा ही संचालित व नियंत्रित है। जितने भी ग्रह, नक्षत्र, योग,...
हिमगिरि के उत्तुंग शिखर पर, बैठ शिला की शीतल छांह।
एक पुरुष भीगे नयनों से,देख रहा था प्रलय प्रवाह।। (कामायनी)
उपर्युक्त काव्य धारा के कल्पनाजनित विश्वास...
जिन्दगी की डूंडी-बंगी
ऊबड़-खाबड़ सड़क पर
भगणी च मनिख शरीर की ‘बस’,
उछल-कूद मचाणी
धक्का-मुकि खाणी।
जीर्ण-शीर्ण ह्वेगे ‘बॉडी’
ढिल्ल ह्वेगें इन्द्रियोंक ‘नट’, ‘बोल्ट’
तीड़ि गी खुटुक ‘टायर’
फिर बिदहाड़नु च अहम्...